स्त्री उतारी गई तो केवल कागज़ और कैनवास पर
नहीं उतारी गई तो केवल रूह से 👩
नहीं उतारी गई तो केवल रूह से 👩
मैं उस देश की नागरिक हु जहा सविधान निर्माता डॉक्टर भीम राव अंबेडकर हुए जिन्होंने सभी को बराबर कर दिया। भारतीय सविधन की प्रस्तावना में पुरष और स्त्री को राजनीतिक ,सामाजिक और आर्थिक अधिकार दिए ,पर फिर भी आज उनके साथ इतना भेदभाव क्यों। ..
आज़ादी के 72 साल बाद भी महिलाओँ को अपने अधिकारों के लिए लड़ना पर रहा है। इसका मतलब की हम बाबा साहिब के दिए सविधान की पालना नहीं कर रहे है ,सरकार हो या प्रशाशन चाहे कितने ही
आज़ादी के 72 साल बाद भी महिलाओँ को अपने अधिकारों के लिए लड़ना पर रहा है। इसका मतलब की हम बाबा साहिब के दिए सविधान की पालना नहीं कर रहे है ,सरकार हो या प्रशाशन चाहे कितने ही
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